आज के समय में मोबाइल,लैपटॉप, इंटरनेट व इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का प्रयोग हमारे जीवन में इतना बढ़ गया है कि अब यह फायदे की जगह नुकसान पहुंचा रहा है। यह शारीरिक वह मानसिक रूप से हमें अस्वस्थ बना रहा है। इनके अधिक उपयोग से नींद ना आना,तनाव और अवसाद,सामाजिक रूप से अलग रहना,परिवार के साथ समय ना बिताना,काम में एकाग्रता की कमी आदि कई लक्षण है जो हमारे लिए नुकसानदायक है और आज के खानपान में भी नाम मात्र के लिए शुद्धता बच्ची है जिसके कारण हमें अनेक बीमारियां अपना शिकार बना लेती है। हम जीवन की भाग दौड़ में इतना फंस गए है कि स्वयं से,प्रकृति से,अपने परिवार से दूर होते जा रहे हैं। साल के 365 दिन दौड़ते भागते निकल जाते हैं और हमें पता ही नहीं चलता इस मिलावट भरे जीवन से कुछ समय का उपवास लेना बहुत आवश्यक है। इसलिए हम आपके लिए Digital Detoxification Toure Organaigd करते हैं जिसमें की कुछ समय के लिए आप इन जैसलमेर के धोरो में खो जाए और इस भागदौड़ भरी दुनिया से स्वयं को अलग कर ले। यहां आप एक अलग जीवन का अनुभव करेंगे जिसमें ना कोई मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक गैजेट होंगे इसमें आप प्रकृति के नजदीक रह के कुछ समय व्यतीत करेंगे जिससे की आप स्वयं को और प्रकृति की सुंदरता को जान पाए। आप इस भागदौड़ भरे जीवन मैं कुछ समय का अल्पविराम ले और इस अल्पविराम में हम आपको जैसलमेर की आत्मा जो कि यहां की ग्रामीण जीवन शैली है उससे आपको मिलाऐंगे और यहां का जो भोजन है जो की अपनीअलग विशेषता रखता हैं उनसे भी आपको रूबरू कराएंगे।आप यहां के इतिहास,यहां की कला व संस्कृति,यहा का पहनावा,रीति रिवाज,साहित्य,ग्रामीण जीवन,पानी के लिए लोगों का संघर्ष,कथा कहानियां और यहा जीवन यपन करने के लिए जो कठिनाइयां व संघर्ष है उसके बारे में आप जान पाएंगे। यह आप खाने की शुद्धता को पहचानेंगे और यह भी जानेंगे कि क्यों अबूल फजल (अकबर का दरबारी) को कहना पड़ गया था कि यदि आपको जैसलमेर आना है तो -घोड़ा कीजे काठ का, पग कीजे पाषाण।
बख्तर कीजे लोहे का, तब पहुंचे जेसांण।।
तो आप कब आ रहे है जैसलमेर?
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